অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

उत्पादन बढ़ाने एवं नस्ल सुधार में भ्रूण हस्तांतरण प्रौद्योगिकी अत्यंदत कारगर

परिचय

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने भारतीय कृषि इंडस्ट्रीज फाउंडेशन (बैफ), पुणे में भ्रूण हस्‍तांतरण प्रौद्योगिकी केंद्र में बताया कि भ्रूण हस्‍तांतरण प्रौद्योगिकी केंद्र योजना के अंतर्गत देश में 20 भ्रूण हस्‍तांतरण प्रौद्योगिकी केन्द्रों की स्थापना की जा रही है। अब तक 19 केंद्रों के प्रस्ताव को स्वीकृत किया जा चुका है। इन केन्द्रों में 3 हजार देशी नस्लों के उच्च आनुवांशिक क्षमता वाले सांड तैयार किए जा रहे हैं। इनमें से दो केन्द्रों की स्थापना महाराष्ट्र के नागपुर एवं पुणे में किया जाना तय किया गया थाl

उच्च आनुवांशिक क्षमता वाले सांडों की बढ़ी मांग

देशी नस्लों के उच्च आनुवांशिक क्षमता वाले सांडों के वीर्य के उत्पादन के लिए काफी मांग है। इसके साथ ही कुछ नस्लों की संख्या काफी कम हो गयी है। ऐसे में उत्‍पादन बढ़ाने और नस्ल सुधार में भ्रूण हस्‍तांतरण प्रौद्योगिकी बेहद कारगर साबित हो सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए बैफ, उर्लिकंचन में एक ऐसे ही केंद्र की स्थापना की जा रही है। केंद्र की स्थापना के लिए 5.07 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इस केंद्र में उच्च अनुवांशिक क्षमता के गिर, साहिवाल, लाल कंधारी ,डांगी, देओनी और गओलाओ के सांड तैयार किए जाएंगे।

  • देशी नस्लों के जीनोमिक चयन हेतु विकसित किया गया इंडसचिप
  • पोषक अनाज उपमिशन में क्लस्टर प्रदर्शन, हाइब्रिड एवं उच्च पैदावार क़िस्मों का वितरण, प्रमाणित बीजों का उत्पादन इत्‍यादि शामिल किए गए

कृषि एवं डेयरी व्यवसाय एक दूसरे के पूरक

कृषि मंत्री ने कहा कि पशुपालकों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु कृषि एवं डेयरी व्यवसाय एक दूसरे के पूरक हैं। इसके लिए उत्तम नस्ल के पशुधन आवश्यक है, जिससे कि उत्पादन बढ़ाया जा सके। इसके मद्देनजर उत्पादन बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत लिंग चयनित वीर्य उत्पादन हेतु 10 वीर्य केन्द्रों को चिन्हित किया जा चुका है। दो केन्द्रों का प्रस्ताव उत्तराखंड, महाराष्ट्र के लिए भी स्वीकृत किया गया है जिसमें से उत्तराखंड के ऋषिकेश में लिंग चयनित वीर्य केंद्र का शिलान्यास जून 2018 में किया जा चुका है। वहीं, देशी नस्लों के जीनोमिक चयन हेतु इंडसचिप को विकसित किया गया है। इसके साथ ही 6000 पशुओं की इंडसचिप के उपयोग से जीनोमिक चयन के लिए पहचान की जा चुकी है।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत बढ़े परियोजना

राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत वर्तमान सरकार द्वारा मार्च, 2018 तक 29 राज्यों से आये प्रस्तावों के लिए 1600 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं जि‍नमें से 686 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। 20 गोकुल ग्राम इसी योजना के अंतर्गत स्थापित किये जा रहे हैं। इसके अलावा पशु संजीवनी घटक के अंतर्गत 9 करोड़ दुधारू पशुओं की पहचान यूआईडी द्वारा की जा रही है।

इस योजना के अंतर्गत ग्रामीणों के दरवाजे पर लाभकारी स्व रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए बैफ के प्रयासों की सराहना करते हुए भ्रूण हस्‍तांतरण प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी बैफ द्वारा उत्कृष्ट कार्य करते हुए वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने में महत्वपूर्ण योगदान देने की आशा है।

देश में विभिन्न फसलों के रिकॉर्ड उत्पादन से किसानों का बढ़ा मनोबल

गेहूं, धान, मक्का आदि की अपेक्षा पोषक अनाजों (ज्वार, बाजरा, रागी व अन्य छोटे मिलेट) का विशेष महत्व है क्योंकि ये अनाज स्वास्थ्य एवं पोषण की दृष्टि से अति उत्तम हैं। पोषक अनाजों का उपयोग खाद्यान्न, पशुओं के चारे एवं दाने तथा ईंधन के रूप में होता है। देश में वर्ष 2016-17 से ही लगातार विभिन्न फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है। वर्ष 2017-18 में चावल, गेहूं, पोषक अनाजों सहित मोटे अनाज व दलहन का कुल खाद्यान्न 284.83 मिलियन टन का हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3.53 प्रतिशत अधिक है। पोषक अनाज उपमिशन में विभिन्न घटक शामिल किए गए हैं जैसे कि प्रथम पंक्ति प्रदर्शन, क्लस्टर प्रदर्शन, हाइब्रिड एवं उच्च पैदावार क़िस्मों का वितरण, प्रमाणित बीजों का उत्पादन, इत्‍यादि। मक्का सहित पोषक अनाजों के विकास के कार्य के लिए सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-मोटे अनाज के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से 28 राज्यों के 265 जिलों को शामिल किया था, जिससे कि इनकी उत्पादकता बढ़ाकर अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके।

स्त्रोत: पत्र सूचना कार्यालय

Last Modified : 2/21/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate