অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

स्वच्छ भारत अभियान - प्रतिमा कुमारी

परिचय

स्वच्छ भारत अभियान

स्वच्छ भारत मिशन एक बड़े पैमाने पर जन आंदोलन है। जिसका प्रयास 2019 तक भारत को भारत को स्वच्छ बनाना है। इस मिशन में सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

शहरी क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य

1.04 करोड़ परिवारों को लक्षित करते हुए 2.5 लाख सामुदायिक शौचालय 2.6 लाख सार्वजानिक शौचालय और प्रत्येक शहर में एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की सुविधा प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के तहत आवासीय क्षेत्रों में जहाँ व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण करना। मुश्किल है वहाँ सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करना। पर्यटन स्थलों, बाजारों, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशनों जैसे प्रमुख स्थानों पर भी सार्वजानिक शौचालय का निर्माण किया जायेगा। यह कार्यक्रम पांच साल अवधि में 4401 शहरों में लागू किया जाएगा।

ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत मिशन

निर्मल भारत अभियान कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के लिए मांग आधारित केन्द्रित अभियान है, जिसमें लोगों की स्वच्छता सम्बन्धी आदतों  को बेहतर बनाना, स्व सुविधाओं की मांग उत्पन्न करना और स्वच्छता सुविधाओं को उपलब्ध करना, जिससे ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाया जा सके।

अभियान का उद्देश्य पांच वर्षों में भारत को खुला शौच से मुक्त देश बनाना है। अभियान के तहत देश में लगभग 11 करोड़ 11 लाख शौचालयों के निर्माण के लिए एक लाख चौंतीस हजार करोड़ रूपये खर्च किये जाएँगे।

स्वच्छ भारत अभियान की पहल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्तूबर 2014 महात्मा गाँधी की जयंती पर अपने ड्रीम प्रोजेक्ट ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरुआत की। स्वच्छ भारत अभियान या ‘क्लीन इंडिया केंपेन’ देश का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है। प्रधानमंत्री ने हर भारतीय से इस मिशन में शामिल होकर इसे सफल बनाने की अपील की है।

“ये देश है मेरा, इसको स्वच्छ बनाऊँगी

जल में जीवन है जीवन ही जल है,

भारत को स्वच्छ बनाऊँगी,

गाँधी बापू कर गए कुछ  अनमोल,

कुछ मैं भी अनमोल कर दिखाऊँगी,

नदियाँ निर्मल, पावन गंगा मय्या,

धर्म करूँगी पुण्य करूँगी,

गंगा मय्या को कलुषित नहीं बनाऊँगी,

ये देश है मेरा, इसको स्वच्छ बनाऊँगी।”

स्वच्छ विद्यालय अभियान

 

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन स्वच्छ भारत, स्वच्छ विधालय अभियान केंद्रीय  25 सितम्बर 2014 से 31 अक्तूबर 2014 के बीच केन्द्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालय संगठन में आयोजित किया गया था।

  • स्कूल कक्षाओं के दौरान प्रतिदिन बच्चों के साथ सफाई और स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर विशेष रूप से महात्मा गाँधी की स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ी शिक्षाओं के सम्बन्ध में बाते करें।
  • कक्षा, प्रयोशाला और पुस्तकालयों आदि की सफाई करना।
  • स्कूल में स्थापित किसी भी मूर्ति या स्कूल की स्थापना करने वाले व्यक्ति के योगदान के बारे बात करना और इस मूर्तियों  की सफाई करना।
  • शौचालयों और पीने के पानी वाले क्षेत्रों की सफाई करना।
  • रसोई और सामान गृह की सफाई करना।
  • खेल के मैदान की सफाई करना।
  • स्कूल बगीचों का रखरखाव और सफाई करना।
  • स्कूल भवनों का वार्षिक रखरखाव रंगाई एवं पुताई के साथ
  • निबंध, वाद-विवाद, चित्रकला, सफाई और स्वच्छता पर प्रतियोगिताओं का आयोजन ‘बाल मंत्रिमंडलों का निगरानी दल बनाना और सफाई अभियान की निगरानी करना।

इस अभियान को क्यों शुरू किया गया?

यह कहते हुए बड़ा दुख होता है कि देश में लोगों का खुले शौच करना एक बड़ी समस्या  है। भारत में 72 प्रतिशत से ज्यादा ग्रामीण लोग शौच के लिए झाड़ियों के पीछे, खेतों में या सड़क के किनारे जाते हैं। इससे अन्य कई समस्याएं उत्पन्न होती है, जैसे बच्चों की असमय मौत, संक्रमण और बीमारियों का फैलना और अहम सुनसान स्थान पर शौच के लिए गई युवतियों का बलात्कार। भारत की आबादी 1.2 बिलियन है और उसमें से करीब 600 मिलियन लोग 55 प्रतिशत के पास शौचालय नहीं है। उन ग्रामीण इलाकों में जहाँ शौचालय नहीं है  वहाँ भी पानी की उपलब्धता नहीं है शहरों में झुग्गी में रहने वालों के पास ना तो पानी की आपूर्ति है ना शौचालय की सुविधा है।

“शौचालय सुलभ, जल को शुद्ध

अपने बच्चों को स्वस्थ्य बनाऊँगी,

धरती मेरी, अम्बर मेरा,

पानी को और जीवन को दोनों को स्वच्छ बनाऊँगी।”

स्वच्छ भारत अभियान के प्रमुख मुद्दे

  • केंद्रीय प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार शहरी भारत में हर साल 47 मिलियन टन ठोस कचरा उत्पन्न होता है। इसके अलावा यह भी बताया गया है कि 75 प्रतिशत से ज्यादा सीवेज का निपटारा नहीं होता है, ठोस कचरे की रिसाइकलिंग भी एक बड़ी समस्या है। भविष्य में बड़ी समस्या से बचने के लिए इन मुद्दों का निपटारा आज किया जाना जरुरी है।
  • एक अन्य बड़ी चुनौती लोगों की सोच बदलना है। हमारे देश के लोग सड़क पर कचरा ना फेंकना कब सीखेंगे? या लोग खुद को और अपने इलाके को साफ रखना कब सीखेंगे?
  • ग्रामीण भारत में साफ-सफाई की कमी एक बड़ी चुनौती है। स्वच्छता के कमी की समस्या इतनी विकराल है कि सन 2019  तक प्रधानमंत्री का लक्ष्य पूरा हो पाएगा इसका आश्चर्य होता है?

विवाद

प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को देश और विदेशों में सराहा गया है पर इससे कुछ विवाद भी जुड़े  हैं। इससे मिलते-जुलते अभियान पहले जुलते अभियान पहले भी शुरू किये गए पर वह सफल नहीं हुए, जैसे उदाहरण के तौर पर निर्मल भारत अभियान। विवाद इसलिए भी उठा क्योंकि स्वच्छ भारत अभियान यूपीए के निर्मल भारत अभियान जैसा ही है। उस समय भी बहुत धन उसमें लगाया गया था। उससे क्या हासिल हुआ? वह सारा पैसा कहाँ गया?

सच तो यह है की ऐसे पर विवाद पैदा नहीं होने चाहिए। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान को राजनीति से परे और देशभक्त से प्रेरित बताया था।

निष्कर्ष

सिर्फ अभियान शुरू करना ही काफी नहीं है, परिणाम मायने रखता है। सिर्फ सरकार इसे सफल नहीं बना सकती, लोगों की भागीदारी सबसे जरूरी है। इस कार्यक्रम के लिए विस्तृत ब्लू प्रिंट बनाना जरूरी है। समग्र तरीके से स्वच्छ भारत अभियान को लागू करने, सरकार और लोगों के प्रयासों से आने वाले सालों में भारत अवश्य एक स्वच्छ देश बन सकता है।

 

आलेख:- प्रतिमा कुमारी,वर्ग- नवम ‘अ’, संत अन्ना बालिका उच्च विद्यालय,राँची

Last Modified : 2/21/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate